Thursday, August 6, 2009
माया की माया ...
कई दिनों से एक ख़बर मीडिया में सुर्खियों में रहती है, फिर कहीं न कहीं दब कर रह जाती है, आज सुबह अखबार के पन्ने पलटते हुए मैंने असमान की तरफ़ देखा। बादलों की पतली लकीर सूरज की तेज़ किरणों को छुपाने की कोशिश कर रही थी। मैंने न जाने क्यों पर, ऊपर वाले से मन ही मन थोडी बारिश की प्रार्थना कर बैठा। शायद मैं उस धुप को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, पर उन किसानो का क्या जो रोज़ इस आस में सोते हैं की कल बारिश होगी तोह कहती की गाड़ी आगे बढेगी। झूठा दिलासा ही है पर फिर भी वोह अपने आप को दिलासा देता जरूर है। आसमान से बारिश ना हो तोह क्या ? शायद इस साल भूखा रहना पड़े, किसी की बिटिया का ब्याह न होगा, किसी पर कर्जे का भार और बढ़ जाएगा, वोह छोटी खुशियाँ जो एक किअसं अपने परिवार के लिए देखता है, वोह उनसे वंचित रह जाएगा, पर इसकी पड़ी किसको है। कृषि प्रधान देश होने पर भी हमारी निर्भरता बारिश पर इतनी ज्यादा है, वोह हम सब जानते हैं, तब तोह खेती होगी ही राम भरोसे। एक तरफ़ तो यह पहलु है और दूसरा पहलु है, मायावती और उनकी माया। प्रदेश सूखे की मार झेल रहा है और माया जी को अपनी मूर्ती बनवाने से फुर्सत नहीं। किसान रोता है तोह रोये, मैं तोह अपने आपको अमर करके इस दुनिया से रुखसत होउंगी। भाई चुना है तोह भुगतो, मुलायम ने भी तोह ऐश की थी, अब मेरी और मेरे हान्थियों की बारी है। ज्यादा हो हल्ला हो तो सीधे केन्द्र की सरकार पर निशाना साधो, केन्द्र अपना पल्ला झड़ने के लिए कुछ करोड़ रुपये दे देता है और फिर वोह पैसे किसे उद्धार में जाते है वोह या तो माया को मालूम है या उसके अय्यियारों को। केन्द्र कुएक अनोखी परियोजना ले कर आ जाता है, सस्ते अनाज, चावल सिर्फ़ ३ रुपये किलो। मीडिया शांत, किसान कुछ बोले तोह सरकार का जवाब होता है चावल सस्ते कर दिए हैं आप लोग सूखे से निपट सकते हो अब। भाई कमाल है, कोई इनसे यह पूछे क्या साल भर केवल चावल खाते हो नेताजी। और यह सस्ते अनाज बाँट कर आप कोई उद्धार नहीं कर रहे हो, बल्कि आप एक इज्ज़तदार किसान को, जोह देश का पेट भरता है, एक भिखारी बना रहे हो, उसे सस्ते की आदत मत डालो, उसे अच्छी आदत डालो, उसे मेहनत करने से मत रोको, उसे उन्नति की राह दिखाओ। कृषि प्रधान इस देश में सिंचाई की सुद्रिड वेवस्था करो, की कुछ दिन बारिश ना हो तोह वोह भिखारी बनने पर मजबूर न हो।
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sach much,maya ki maya ajib hai.narayan narayan
ReplyDeleteapne to maya ki sab maya ka pardafash kar diya?
ReplyDeletemaya ke prati apka lagao sawabhawik aur prasansaniya hai.
aap sabka bahut bahut dhanyawad doston
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